मुझे तुम प्यारे हो, मेरे रखवारे हो, सर्वोपरी सुखधाम ૧/૧

मुझे तुम प्यारे हो, मेरे रखवारे हो, सर्वोपरी सुखधाम;
			हो जी मैं बँधी हूँ आपमें...मुझे० टेक.
दिल ये दिया है तुझे, तुम साथ निभालो मुझे;
जन्मों जनम की चेरी, मैं नाथ सदा हूँ तेरी;
		रहती हूँ, मैं सदा (२) तुम्हारे ही जापमें...मुझे० १
जबसे देखा तुझको, तो ऐसा लगा है मुझको;
तुम हो सदा से मेरे, है हम तुम भेरे भेरे;
		मूर्ति को, देखके (२) खो गई मैं आपमें...मुझे० २
ज्ञानसखी के स्वामी, तुम हो सहजानंद स्वामी;
सबके अंतरयामी, न्यारे हो माणकीगामी;
		आप समाओ, मुझमें (२) समाऊँ मैं आपमें...मुझे० ३
 

મૂળ પદ

मुझे तुम प्यारे हो, मेरे रखवारे हो, सर्वोपरी सुखधाम

રચયિતા

જ્ઞાનજીવનદાસજી સ્વામી-કુંડળ

ઉત્પત્તિ

તા.૨૨/૧૧/૨૦૧૨, વડોદરા, સવારે પૂજામાં

ફોટો

કિર્તન ઓડિયો / વિડિયો યાદી

ગાયક રાગ પ્રકાશક    
રેકોર્ડીંગ ગુણવત્તા ઓડિયો/વિડિયો લાઇવ /સ્ટુડિયો
   
કોઈ ઑડિયો / વીડિયો ઉપલબ્ધ નથી