ओ घनश्याम, ओ घनश्याम, मुजे प्रेम कर ૧/૧

ओ घनश्याम (२) मुजे प्रेम कर (२) मैं प्रेम की प्यासी हूं (२)
ओ घनश्याम (२) मुजे आके मील (२) मैं तेरी ही प्यासी हूं (२)
 	तुम ना मीलोगे तो वीष खा लूंगी,
 	पेड से मैं गीर के देह छोड दूंगी...मैं प्रेम की० टेक.
मैंने दिया दिल तुजे, आके पिया मील मुजे, दूर क्युं फीरता है मुज से;
 	तुम बीन कैसे जीयूं, आजा आजा मेरे पियु,
 	डरता है क्युं तुम मुज से...मैं प्रेम की० १
सुन सुन बात मेरी, मैं हूं पिया एक तेरी, तुम बिन दिल झुरता है मेरा;
 	मैंने दिया हाथ तुजे, आके लेले बाथ मुजे,
 	पिया मेरा तुम क्युं सोचता है...मैं प्रेम की० २
देखती हूं राह तेरी, पीर पिया जान मेरी, तडपा रहा है क्युं मुज को;
 	आजा आजा छैया, पकड मोरी बैया,
 	ज्ञानसखी अर्पन तुज को...मैं प्रेम की० ३
 

મૂળ પદ

ओ घनश्याम, ओ घनश्याम, मुजे प्रेम कर

રચયિતા

જ્ઞાનજીવનદાસજી સ્વામી-કુંડળ

ફોટો

કિર્તન ઓડિયો / વિડિયો યાદી

ગાયક રાગ પ્રકાશક    
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